रिवर्स पलायन पर मार्च में होगा बड़ा सम्मेलन

प्रदेश सरकार मार्च माह में देहरादून में रिवर्स पलायन पर बड़ा सम्मेलन करने जा रही है। जिसमें पहाड़ में फिर से रोजी रोटी कमाने के लक्ष्य को लेकर वापस लौटे युवा अपने तजुर्बे बयां करेंगे। पलायन आयोग ने इसकी रूप रेखा तैयार कर ली है। पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी के मुताबिक नवंबर में राज्य स्थापना दिवस पर टिहरी में आयोजित सम्मेलन में सरकार ने अपने -अपने क्षेत्रों में सफल प्रवासी उत्तराखंडियों के बीच पलायन की समस्या पर मंथन किया था। इसी कड़ी में सरकार अब ऐसे लोगों से भी बात करने जा रही है, जिन्होंने वास्तविक अर्थों में रिवर्स पलायन किया है।  नेगी के मुताबिक, आयोग के सर्वे में सामने आया है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में करीब तीन सौ लोगों ने रिवर्स पलायन कर अपने गांव में आजीविका के साधन तैयार किए हैं। इसके चलते सरकार इन्हीं लोगों से उनके तजुर्बे जानना चाहती है। साथ ही उन्हें रिवर्स पलायन में क्या दिक्कतें आई यह भी जानने का प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि अगले महीने देहरादून में उक्त सम्मेलन किया जाएगा। जिसमें मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री समेत वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।


टिहरी का विस्तृत अध्ययन कर रहा आयोग 
पलायन आयोग इस समय टिहरी जिले में रोजगार के संसाधनों पर विस्तृत अध्ययन कर रहा है। इससे पहले आयोग पौड़ी और अल्मोड़ा की विस्तृत रिपोर्ट शासन को सौंप चुका है। आयोग उपाध्यक्ष नेगी ने बताया कि आयोग इस साल सभी जिलों में पलायन के कारण और रोकथाम के उपाय पर अधारित रिपोर्ट शासन को सौंप देगा। इसी क्रम में विभिन्न सरकारी विभाग अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे।


आयोग एक बार फिर हो गया खाली
आयोग के सामने फिर कार्मिकों का संकट खड़ा हो गया है। गत वर्ष राज्य सरकार ने आयोग में दो प्रोफेशनल की नियुक्ति की थी। एक साल बाद विभाग ने उनका मानदेय 40 से घटाकर 15 हजार कर दिया, जिस कारण दोनों प्रोफेशनल ने आयोग को सेवा देने से मना कर दिया है। फिलहाल आयोग में उपाध्यक्ष नेगी और अतिरिक्त कार्यभार के साथ सचिव रोशनलाल ही काम कर रहे हैं।